हर्बिनजर टुडे डेस्क। बमियाला गांव में चल रहे पांडव नृत्य के चौथे दिन पांडव देवताओं ने पिंडर नदी में गंगा स्नान कर अपने पिता राजा पांडु का पिंडदान किया। इस अवसर पर आचार्यों ने हवन कर देवताओं को यज्ञ में पूर्णाहुति दीं।
शनिवार सुबह बमियाला गांव से पांडव देवताओं के पश्वाओं ने बाजेगाजों के साथ भगवान नारायण,लाटू देवता और भराड़ी देवी के प्रतीक निषाणों की अगुवाई में गंगा स्नान के लिए प्रस्थान किया। ग्रामवासी पांडव देवताओं के जयकारे लगाते हुए 12 किलोमीटर पैदल चलकर नलगांव में पिंडर नदी के तट पर पहुंचे। जहां पांडव देवताओं के पश्वाओं के साथ देव निषाणों ने गंगा स्नान किया। गंगा स्नान करने के उपरांत पांडवों ने अपने पिता पांडु का पिंडदान किया।
इस मौके पर आचार्य मयंक कांडपाल,भास्कर कांडपाल ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुजनों ने पांडव देवताओं के दर्शन कर भेंट अर्पित की। गंगा स्नान करने के पश्चात वापसी में पांडव देवता गण्डिक गांव पहुंचे, जहां ग्रामवासियों की ओर से पांडव देवताओं की आगवानी की गई।
इस अवसर पर नवगांव,गंडीक,कफोली के ग्रामीणों ने पांडवों के साथ चल रहे लोगों तथा श्रद्धालुओं को जलपान कराया और गांव से आगे के लिए विदा किया। यहां से बोंठा,कफोली गांव में ग्रामवासियों को दर्शन व आशीर्वाद देते हुए पांडव देवता देरशाम बमियाला गांव पहुंचे।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह,दलवीर सिंह, केशर सिंह,जगत सिंह,महेंद्र सिंह,रघुवीर सिंह,मनोज सिंह,प्रेम सिंह,मनवीर सिंह ने बताया कि रविवार को घुडैत नृत्य,मलयुद्ध तथा भगवान नारायण के पय्यां तोड़ने व उनके वाहन गरुड़ के दर्शन पूजन के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक
