
हर्बिनजर टुडे डेस्क। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/पर्यटन सचिव ,श्री धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें साहसिक पर्यटन को गति देने तथा पर्वतारोहण अभियानों को सुचारू करने हेतु विविध विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस बैठक में विशिष्ट रूप से मुख्य वन संरक्षक (CCF) / प्रबंध निदेशक- ‘उत्तराखंड ईकोटूरिज्म विकास निगम’ ,प्रसन्न कुमार पात्रो, भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) के अध्यक्ष कर्नल विजय सिंह, निदेशक(IMF) कर्नल मदन गुरूंग, सचिव (IMF) कीर्ति पायस, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (UTDB) डॉ. पूजा गर्ब्याल, टी.टी.एफ. (TTF) के संस्थापक राकेश पंत,ATOAI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वैभव काला, विभिन्न स्टेक होल्डर्स एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
1. नंदा देवी चोटी के लिए पर्वतारोहण प्रस्ताव
IMF द्वारा प्रतिष्ठित नंदा देवी शिखर को पर्वतारोहण हेतु पुनः खोलने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया तथा इस प्रक्रिया को शीघ्रता से क्रियान्वित करने हेतु यांत्रिकीकरण (mechanism) के त्वरिकरण की आवश्यकता बताई गई, जिस पर सचिव पर्यटन द्वारा सकरात्मक रूप से कार्यवाही किये जाने की बात कही गयी।
2. सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्वतारोहण अभियानों का त्वरिकरण
भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सीमावर्ती चोटियों में पर्वतारोहण अभियानों को शीघ्र गति से स्वीकृति और संचालन की अनुशंसा की गई।
3. शीतकालीन पर्यटन की संभावनाएं – स्नो लेपर्ड आधारित ईको टूरिज्म
पर्यटन विभाग द्वारा गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान को शीतकाल (अक्टूबर से मार्च) के दौरान भी खुला रखने का अनुरोध किया गया, क्योंकि इसी अवधि में हिम तेंदुए (Snow Leopard) के दर्शन की संभावना सबसे अधिक होती है। हेमिस नेशनल पार्क (लद्दाख) को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया, जो पूरे वर्ष खुला रहता है और सतत ईको-पर्यटन को बढ़ावा देता है।
4. पर्यटकों की सुरक्षा हेतु तंत्र का विकास
पर्यटन सचिव द्वारा वन विभाग, स्थानीय हितधारकों, टूर ऑपरेटर्स एवं IMF के बीच एक समन्वित तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए ताकि अभियानों के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
5. सिंगल विंडो पोर्टल की जानकारी
वन विभाग द्वारा बताया गया कि एकीकृत एकल खिड़की पोर्टल (Single Window Portal) निर्माणाधीन है, जिससे विभिन्न ट्रेकों पर पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल व त्वरित किया जा सकेगा।
6. 6000 मी0 से कम ऊँचाई वाले पर्वत शिखरों को ओपन पीक में सम्मिलित किये जाने हेतु चर्चा।
क) बलजूरी (5922 मी0) – बागेश्वर।
ख) लस्पाधुरा (5913 मी0)- बागेश्वर।
ग) भनोल्टी (5645 मी0) – बागेश्वर।
घ) रूद्रगयेरा (5819 मी0) – उत्तरकाशी।
7. सांद्रा पुल & भोजबासा पुल , उत्तरकाशी का पुनर्विकास
पर्यटन सचिव ने उत्तरकाशी स्थित सांद्रा पुल एवं भोजबासा पुल के पुनर्विकास हेतु हितधारकों की अपेक्षाओं के अनुरूप मूल्यांकन एवं आकलन करवाने के निर्देश दिए।
8. ट्रेकिंग रूट्स की वहन क्षमता (Carrying Capacity) का पुनर्मूल्यांकन
ट्रेकिंग स्थलों की वहन क्षमता के पुनर्मूल्यांकन हेतु स्थलों की सूची तैयार करने एवं कार्य को शीघ्रता से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
9. ट्रैकरों की संख्या पर सीमांकन (Rationalisation) का प्रस्ताव
बैठक में ATOAI द्वारा ट्रैकरों की संख्या पर एक निश्चित सीमा (कैपिंग) निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में विचार प्रस्तुत किया गया, ताकि उनकी निगरानी एवं नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। यह कदम सुरक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल माना जायेगा।
10. साहसिक गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई
पर्यटन सचिव द्वारा बैठक में निर्देश दिए गए कि किसी भी साहसिक गतिविधि (Adventure Activity) के दौरान यदि कोई दुर्घटना या अप्रिय घटना घटित होती है, तो उसकी रिपोर्टिंग तथा संबंधित प्रक्रियाओं को यथासंभव शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में देरी से संबंधित व्यक्ति एवं साहसिक गतिविधि संचालित करने वाली संस्था को असुविधा हो सकती है। ऐसे में घटनाओं की सूचना, जांच, और आवश्यक दस्तावेजी कार्रवाई तुरंत की जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और प्रभावित पक्षों को समय पर सहायता मिल सके।
11. साहसिक पर्यटन गतिविधियों में ग्राउंड स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों की सहभागिता एवं प्रशासनिक समन्वय के निर्देश
पर्यटन सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि साहसिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों के प्रभावी संचालन हेतु ग्राउंड लेवल अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों की भागीदारी से कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से बेहतर ढंग से निपटा जा सकेगा। साथ ही जनपदों में आयोजित होने वाली सभी पर्यटन संबंधी गतिविधियों की पूर्व सूचना संबंधित जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से दिये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि आवश्यक व्यवस्थाओं, सुरक्षा और समन्वय को समयबद्ध रूप से लागू किया जा सके।
12. Annual Adventure Meet (वार्षिक सम्मेलन) आयोजित करने का प्रस्ताव
भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) के अध्यक्ष कर्नल विजय सिंह द्वारा यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया कि एक राष्ट्रीय स्तर का वार्षिक सम्मेलन (Annual Adventure Tourism Meet) आयोजित किया जाए, जिसमें सभी टूर ऑपरेटरों, स्टेकहोल्डर्स और साहसिक पर्यटन क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाया जा सके।
13. भविष्य में नियमित बैठकें और समन्वय की आवश्यकता
बैठक के समापन पर इस बात पर सहमति बनी कि भविष्य में भी ऐसी बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं, ताकि सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो और उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन एवं पर्वतारोहण को संगठित और संरचित ढंग से बढ़ावा मिल सके।