
“The Rise of Bhairon”- उत्तराखंडी सिनेमा के नए युग की शुरुआत
हर्बिनजर टुडे डेस्क। देवभूमि उत्तराखंड की लोककथाओं, आस्था और रहस्यमयी पर्वतीय संस्कृति पर आधारित फ़िल्मों की कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है — “The Rise of Bhairon”। हाल ही में इस फ़िल्म का टाइटल अनाउंसमेंट बड़े ही भव्य तरीके से किया गया, जिसे दर्शकों और सिनेमा प्रेमियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। यह वीडियो अब Hilly Harmonies के आधिकारिक YouTube चैनल पर देखा जा सकता है।
यह फ़िल्म Hilly Harmonies और Kamakhya Films के संयुक्त बैनर तले बनाई जा रही है। फ़िल्म के लेखक और निर्देशक हैं आशिष पंत, जो उत्तराखंडी सिनेमा में अपने गहन लोकज्ञान और आधुनिक फिल्मनिर्माण दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। फ़िल्म का संगीत भी स्वयं आशिष पंत ने तैयार किया है।
कहानी देवभूमि के उस पौराणिक रहस्य के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ श्रद्धा और शक्ति एक हो जाती हैं, और पर्वतों की गोद में छिपे देवताओं का प्रकोप फिर से जाग उठता है। फ़िल्म का उद्देश्य उत्तराखंड की प्राचीन परंपराओं, लोकदेवताओं और आध्यात्मिक विरासत को आधुनिक सिनेमा के माध्यम से दुनिया के सामने लाना है।
फ़िल्म में अजय सोलंकी और खुशी घाटियारी मुख्य भूमिकाओं में नज़र आएंगे। इनके साथ राजेश नौगैंन, रमेश रावत, भानु जोशी, अमित डोरेमोन, पहाड़ी नोनू कृष्णा, शिवकुमार, शशवत जे. पंडित और दिपाली पुष्पवान जैसे प्रतिभाशाली कलाकार भी अहम भूमिकाओं में दिखाई देंगे।
फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी महेश पाल द्वारा की जाएगी, जबकि सिद्धार्थ ध्यानी सह-निर्देशक के रूप में जुड़े हैं। विजय भारती ने सहलेखन और कोरियोग्राफी दोनों की ज़िम्मेदारी निभाई है। फ़िल्म के VFX डायरेक्टर हैं नितिन खत्री, और पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य Hilly Harmonies VFX द्वारा किया जाएगा। डायरेक्शन टीम में अक्षत असवाल और कुलदीप चंद्र शामिल हैं, जबकि मेकअप की ज़िम्मेदारी विकेश बाबू संभाल रहे हैं।
गीतों को अपनी आवाज़ दी है – अमित खरे, सविता पारस्वान, प्रतिक्षा बमराड़ा, सूरज त्राटक, रजत कुमार और आशिष पंत ने। फ़िल्म का निर्माण अनीता पंत, प्रिया नेगी और अन्या द्वारा किया जा रहा है।
निर्माताओं ने बताया कि “The Rise of Bhairon” की शूटिंग नवंबर 2025 से पौड़ी गढ़वाल के खूबसूरत ‘टीला गांव’ (Teela Gaon) में शुरू की जाएगी। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, जो फ़िल्म की कहानी से गहराई से जुड़ा हुआ है।
निर्देशक आशिष पंत ने कहा – “यह सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आत्मा को पर्दे पर उतारने का प्रयास है। हम चाहते हैं कि दर्शक देवभूमि की असली ताकत और उसकी पौराणिक धरोहर को महसूस करें।
टीम का मानना है कि यह प्रोजेक्ट उत्तराखंडी सिनेमा को एक नई पहचान देगा और आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय सिनेमा को राष्ट्रीय स्तर पर मज़बूती प्रदान करेगा।