
हर्बिनजर टुडे / नारायणबगड़, चमोली डेस्क। मंगलवार को विकास भवन नारायणबगड़ के सभागार में आयोजित तहसील दिवस में लोगों ने 51 शिकायतें दर्ज की। जिनमें से अधिकतर शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। जिला विकास अधिकारी केके पंत की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्राम पंचायत बुंगा के मुसाउड़ियार गाँव के ग्रामीणों ने गांव के नीचे लगातार हो रहे भू स्खलंन से उत्पन्न खतरे के कारण समस्त मकानों में बड़ी बड़ी दरारों व आवागमन के समस्त रास्तों, पेयजल लाईन के क्षतिग्रस्त होने के कारण तुरंत उनके गाँव को विस्थापित किये जाने की बात कही।
ग्रामीण राजेन्द्र सिंह नेगी ने पालछुनी में रास्ते व पुलिया क्षतिग्रस्त होने,पूर्व प्रधान नवीन सिलोड़ी ने सिलोड़ी व मौणा गांव में लागातार भू-धंसाव,पैठाणी के गंभीर सिंह ने मोटर मार्ग बंद होने, पेयजल मुख्य श्रोत के छतिग्रस्त होने,पूर्व क्षेत्र पचायत सदस्य दलबीर रावत ने रा0इं0का0 चोपता के पैदल मार्ग और पेयजल लाईन के छतिग्रस्त होने से विद्यार्थियों को हो रही परेशानीयों की शिकायत दर्ज की। रामा नंद भट्ट ने पंती-हसकोटी मोटर मार्ग की जर्जर स्थिती व मोटरमार्ग निर्माण के दौरान निम्न गुणवत्ता युक्त पुस्तों के ढहने के कारण उनके मकान को उत्पन्न खतरे के बारे में शिकायत दर्ज की।
बुंगा गांव में जल जीवन मिशन के कार्यों में अनियमितता व प्रधान पंती बीना देवी ने पंती मे कूड़ा प्रबंधन,पेय जल लाईन के जगह जगह पर छतिग्रस्त होने सहित पंती गधेरे मे सुरक्षा दीवार लगाए जाने की शिकायत दर्ज की।
भंगोटा गांव के पूर्व प्रधान भूपेंद्र मेहरा ने सड़क की जर्जर स्थिती गांव के बीचों-बीच हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक कार्य करने का मामला दर्ज किया। ग्रामीण लक्ष्मी प्रसाद गौड ने पंती-हंसकोटी सड़क मार्ग के रख-रखाव पर कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल द्धारा कोई भी कार्य न किए जाने की शिकायत की।
प्रधान कफारतीर गंभीर सिंह ने नलगांव -कफारतीर मोटर मार्ग के डामरीकरण और आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने की मांग। सतेंद्र पाल व वीरेन्द्र मेहरा ने असेड गांव के बीच जल निकास नाली बनाए जाने व जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा की शिकायत दर्ज कराई। वही रेंजर बद्रीनाथ वन क्षेत्र अखिलेश भट्ट ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक के आदेश अनुसार जंगली सुअरों को खेतों में नुकसान पहुंचने पर लाइसेंसी बंदूक से मारे जाने का प्रावधान है। जिसके लिए ग्रामीणों को वन विभाग की अनुमति लेनी होगी वही फसलों के नुकसान हेतु मुआवजा दिए जाने का भी प्रावधान है। इस मौके पर तहसीलदार दिगंबर सिंह नेगी,बीडीओ वीरेंद्र असवाल,बीईओ अनिनाथ समेत विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक