
हार्बिनजर टुडे डेस्क। ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे। मतदान से पहले आए ओपिनियन पोल नतीजों में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पार्टी को हारते हुए दिखाया गया है। सर्वे में दावा किया गया है कि ऋषि सुनक से भारतीय मूल के 65 फीसदी वोटर्स नाराज हैं।
ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए मतदान काउंटडाउन शुरू हो गया है, 5 साल बाद हो रहे इस चुनाव के लिए 4 जुलाई को मतदान होना है। ऋषि सुनक पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में जनता के सामने हैं, वे 2022 में कंजर्वेटिव पार्टी के पीएम बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री बनाए गए थे। इस चुनाव में भारतीय मूल के वोटर्स पर सबकी नजर है, क्योंकि ऋषि सुनक खुद भी भारतीय मूल के हैं और इस बार 106 भारतीय मूल के MP उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। एक सर्वे में दावा किया गया है कि 65 फीसदी भारतीय मूल के वोटर सुनक के खिलाफ हैं।
इस चुनाव से पहले हुए लगभग सभी सर्वों में कंजर्वेटिव पार्टी को हारते हुए दिखाया गया है। अनुमान है कि 14 साल बाद फिर से लेफ्ट झुकाव वाली लेबर पार्टी सत्ता में वापसी करने जा रही है। सेंटर राइट कंजर्वेटिव पार्टी ने 2010 में ब्रिटेन की सत्ता पर अपना कब्जा जमाया था। उस वक्त ब्रिटेन मंदी की मार झेल रहा था और इराक अफगानिस्तान युद्ध में ब्रिटेन की भूमिका को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन के खिलाफ जनता में खासा गुस्सा था।
ऋषि सुनक को लेकर जनता के बीच नाराजगी की वजह बढ़ती महंगाई को माना जा रहा है। ब्रिटेन की इकोनॉमी खस्ताहाली के दौर से गुजर रही है और टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई है, साथ ही सुनक ने वीजा और इमीग्रेशन के नियम को भी जटिल बनाया है । जिसके चलते भारतीय समुदाय और एशिया के लोग भी उनके खिलाफ खड़े हैं।
ब्रिटेन में करीब 25 लाख भारतीय वोटर्स हैं, नाराजगी भांपने के बाद चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी लंदन स्थित BPS स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे। दर्शन के बाद टी-20 विश्व कप में भारत की जीत का जिक्र किया और ये भी कहा, “मैं आप सभी की तरह हिंदू हूं और मेरा धर्म मुझे प्रेरित करता है।
ऋषि सुनक के सामने कौन?
विपक्षी लेबर पार्टी की कमान कीर स्टारमर के पास है, 61 साल के कीर स्टारमर पेशे से वकील और इंग्लैंड और वेल्स के पूर्व प्रॉसिक्यूटर रह चुके हैं। चुनाव प्रचार में जनता से मिल रहे समर्थन के बाद वे अपनी जीत को पक्का समझ रहे हैं।
‘Yougov’ के ओपिनियन पोल के मुताबिक, सुनक के नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी 155 सीटों पर ही निपटती दिखाई दे रही है, जबकी 2019 के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में पार्टी ने 365 सीटें हासिल की थी। वहीं लेबर पार्टी को ओपिनियन पोल में 403 सीटें दी गई हैं। ब्रिटेन में कुल 650 सीटें हैं और किसी भी पार्टी को सत्ता के लिए 325 से ज्यादा सीटों की जरूरत होती है।
कैसे होते हैं ब्रिटेन में चुनाव?
ब्रिटेन की संसद में दो सदन हैं, एक हाउस ऑफ लॉर्ड्स और दूसरा हाउस ऑफ कॉमन्स. हाउस ऑफ लॉर्ड्स का आम चुनाव से कोई लेना देना नहीं होता है। देश के 650 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए अपना प्रतिनिधी यानी MP चुनते हैं। ये प्रतिनिधी मिलकर देश का प्रधानमंत्री बनाते हैं और फिर प्रधानमंत्री मंत्रियों का चयन कर सरकार का गठन करते हैं।
जैसे भारत में लोकसभा के सांसदों के हिसाब से प्रधानमंत्री बनते हैं, ठीक उसी तरह ब्रिटेन में भी होता है। भारत में राज्यसभा उच्च सदन है, ब्रिटेन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स उच्च सदन होता है।
कितने भारतीय मूल के उम्मीदवार?
ब्रिटेन चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा भारतीय मूल के कैंडिडेट मैदान में हैं। 650 में 107 उम्मीदवार भारतीय मूल के हैं, जिसमें 30 उम्मीदवार कंजर्वेटिव पार्टी से, 33 लेबर पार्टी से, ग्रीन पार्टी से 13 और लिबरल डेमोक्रेट से 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें रेवा गोदी, नुपुर मजूमदार, राजेश अग्रवाल और मोहम्मद हनीफ प्रमुख चहरे हैं।